दोस्तों बहुत सारे लोगों को आपने ऐसा बोलते हुए सुना होगा कि हमने फलाने कंपनी के आईपीओ में पैसा इन्वेस्ट किया और कुछ ही दिनों में हमारा पैसा डबल हो गया.
क्या सच में आईपीओ में पैसा इन्वेस्ट करने से डबल हो जाता है? अगर होता है तो कैसे ?
क्या आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करने से कुछ लोगों को नुकसान भी होता है.
एक नए इन्वेस्टर के मन में अक्सर इस तरह के सवाल आते रहते हैं कि IPO क्या है और हम इसमें कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं. अगर आपको इसके बारे में कुछ भी नहीं पता तो आज हम आपको आईपीओ का पूरा गेम बताने वाले हैं. आपके सारे सवालों का जवाब भी इसी आर्टिकल में मिल जाएगा कि ipo के फायदे और नुकसान क्या है?
Contents
- 1 पहले जानिए ‘IPO का फंडा’ ……….
- 2 आईपीओ खरीदने के फायदे क्या है
- 3 इन्वेस्टमेंट को डायवर्सिफाई कर बढ़ा सकते हैं मुनाफा
- 4 मोटी कमाई की संभावना
- 5 आम लोगों से पहले खरीद सकते हैं शेयर
- 6 होती है लिक्विडिटी
- 7 मिलता है कैपिटल ग्रोथ
- 8 बन सकते हैं कंपनी के विकास का हिस्सा
- 9 ये रिस्क होते हैं आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करने से | Ipo के नुकसान
- 10 Volatility:
- 11 Uncertain Performance:
- 12 Lock-in Period:
- 13 Limited Information:
- 14 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- fAQ
पहले जानिए ‘IPO का फंडा’ ……….
दोस्तों IPO का फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग होता है. आइए आपको एक उदाहरण से इसका पूरा फंडा समझाते हैं.
मान लीजिए ABC नाम की एक कंपनी है. इस कंपनी के 10 फैक्ट्री हैं लेकिन कंपनी चाहती है कि उसके पास 10 फैक्ट्री नहीं बल्कि 100 फैक्ट्री हो . ऐसा करने के लिए कंपनी को एक फैक्ट्री में एक करोड़ लगाने की जरूरत है तो सारी फैक्ट्री में 100 करोड रुपए लगाने पड़ेंगे. इतने पैसे लगाने के लिए कंपनी के पास दो ही ऑप्शन है या तो वह किसी बड़े संस्था से लोन ले या फिर पब्लिक के पास जाकर फंड इकट्ठा करें.
अगर बात करें की बड़ी संस्थान से लोन लेने की तो 100 करोड रुपए एक मोटी रकम होती है और इतने पैसे मिल भी जाए तो उन्हें चुकाने में समय लगेगा. अगर टाइम से नहीं चुका पाए तो उल्टा ब्याज पर ब्याज देना पड़ेगा. इसलिए सभी कंपनियां पैसों का बंदोबस्त करने के लिए पब्लिक के पास जाकर पैसे इकट्ठा करती हैं.
दोस्तों आपको बताते चले कि आज की डेट में कोई भी प्राइवेट कंपनी डायरेक्ट पब्लिक से पैसा नहीं ले सकती है. इसलिए वह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अपने को पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदलती है.
लेकिन दोस्तों अब आपके मन में सवाल उठ सकता है कि आम पब्लिक किसी कंपनी को पैसे क्यों देगी? तो दोस्तों दरअसल बात ऐसी है कि जब भी कोई कंपनी पब्लिक से पैसे मांगती है तो वह बदले में लोगों को अपने कंपनी की हिस्सेदारी देती है. इस हिस्सेदारी को शेयर कहते हैं और जो लोग कंपनी को पैसे देकर बदले उनका शेयर खरीदत हैं उन्हें शेयर होल्डर कहा जाता है.
तो दोस्तों इस तरह से कंपनी को अपने बिजनेस के लिए पैसे मिल जाते हैं लेकिन आप सवाल उठता है कि लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिलने से क्या होगा? तो बता दे कि यह लोगों को जब कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाता है तो वह कंपनी के उतने हकदार हो जाते हैं जितना कि उन्होंने शेयर लिया होता है. अब कंपनी को जो कुछ भी प्रॉफिट होगा उसका कुछ प्रतिशत हिस्सा इन शेरहोल्डर को भी दिया जाएगा.
दोस्तों कंपनी के द्वारा लोगों से पैसे लेने का यह प्रक्रिया यूं ही नहीं हो जाता है इसके लिए कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंज में जाना होता है हमारे देश में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है एक का नाम है मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा का नाम है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज. है जब भी कंपनियां अपने शेर को बताकर लोगों से पैसा लेती है तो इस इसे ही मतलब आईपीओ यानी कि इनिशियल पब्लिक आफरिंग कहते हैं.
उम्मीद करते हैं कि अब आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि आईपीओ का फंडा क्या है और लोग आईपीओ क्यों खरीदते हैं. चलिए अब अगले सवाल की ओर बढ़ते हैं….
आईपीओ खरीदने के फायदे क्या है
दोस्तों वैसे तो आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करने के बहुत सारे फायदे होते हैं. आगे हम आपको आईपी में पैसे इन्वेस्ट करने के मुख्य-मुख्य फायदे बता रहे हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए-
इन्वेस्टमेंट को डायवर्सिफाई कर बढ़ा सकते हैं मुनाफा
दोस्तों अगर आप आईपीओ में इन्वेस्ट करते हैं तो इसके द्वारा आप अलग-अलग कंपनियों में अपने पैसे को इन्वेस्ट करके उसे डायवर्सिफाई कर सकते हैं. डायवर्सिफाई करने का मतलब कि जब आप अपने पैसों अलग-अलग कंपनी में इनवेस्ट करेंगे तो आपका इन्वेस्टमेंट रिस्क कम हो जाएगा अगर कोई एक कंपनी लॉस में चली गई तो बाकी कंपनियों से आप अपना प्रॉफिट निकाल लेंगे.
उदहारण:
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आप कस्टमर सर्विस कंपनी, टेक्नोलॉजी कंपनी, फूड प्रोसेसिंग कंपनी में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो इस तरह से आपके पैसे अलग-अलग जगह में बट जाते हैं. यदि मान लीजिए की कस्टमर सर्विस कंपनी के बिजनेस में मंदी आ जाती है और उनका बिजनेस नहीं चलता तो टेक्नोलॉजी कंपनी और फूड प्रोसेसिंग कंपनी का बिजनेस वो प्रॉफिट कमाएगे और उस प्रॉफिट में से जो भी अर्निंग होगी वह आपके साथ शेयर करेंगे. इस तरह आपका इन्वेस्टमेंट रिस्क कम हो जाएगा और कमाई भी हो जाएगी.
मोटी कमाई की संभावना
दोस्तों अगर आप आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो यहां पर आपको मोटी कमाई की संभावना होती है. दरअसल यह इसलिए होता है क्योंकि जब आप आईपीओ के जरिए किसी कंपनी में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो उसके स्टॉक की डिमांड बढ़ जाती है जिससे स्टॉक के मूल्य में बढ़ोतरी हो सकती है.
उदहारण:
दोस्तों उदाहरण के लिए आपने किसी आईपीओ में 100 शेयर खरीदे. शेयर खरीदने के बाद उनका मूल्य बढ़ाकर दुगना हो गया. तो अब इसका मतलब है कि आपके इन्वेस्टमेंट की वैल्यू भी बढ़कर दुगनी हो गई है. इस तरह आप IPO में अपने पैसे लगाकर दुगनी कमाई कर सकते हैंअपने इन्वेस्ट किए हुए पैसे से दुगना कमाई कर सकते हैं.
आम लोगों से पहले खरीद सकते हैं शेयर
दोस्तों आईपीओ का अगला फायदा है कि आईपीओ में निवेशकों को पहले इन्वेस्ट करने का अवसर मिलता है. इस मौके का फायदा उठाकर इन्वेस्टर आम जनता के मुकाबले उस कंपनी के ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं और अपनी ज्यादा हिस्सेदारी बना सकते हैं.
उदाहरण: मान लीजिए आपने किसी कंपनी के आईपीओ खरीदा तो आपको वो सस्ते में मिलेगी लेकिन जब कंपनी का बिजनेस चलने लगेगा उसको प्रॉफिट होने लगे तो और लोग भी उसके शेयर खरीदना चाहेंगे दोस्तों यह वह समय होगा जब उसका रेट बहुत ज्यादा हो जाएगा. इसलिए आईपीओ खरीदने से आपको यह फायदा मिलेगा पता है कि आईपीओ के दौरान शेयर आप शेयर को कम दाम में खरीद सकते हैं और फिर बाद में ज्यादा दाम में बेच सकते हैं. आईपीओ के दौरान जब आप शेयर कम दाम में खरीदेंगे तो बाकी बचे हुए पैसे से आप और भी ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं.
होती है लिक्विडिटी
अगर आप लिक्विडिटी का मतलब नहीं पता तो आपको बता दें कि इसका सीधा सा अर्थ होता है किसी वस्तु को आसानी से नगदी में बदलने की क्षमता. किसी भी कंपनी का आईपीओ खरीदने पर उसका एक फायदा यह भी होता है कि उसे आईपीओ की लिक्विडिटी अधिक होती है मतलब कि आईपीओ खरीदने के बाद उसे आसानी से बचा जा सकता है इस शेर को खरीदने वाले लोग बहुत मिलते हैं.
उदहारण: मान लीजिए किसी इन्वेस्टर ने एक कंपनी के आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट किया औरउसे व्यक्ति ने अपनी उम्मीद से भी ज्यादा मुनाफा कमाया. इस इन्वेस्टर के पास अब दो ऑप्शन हैया तो वह अपने इन्वेस्टमेंट को रखकर कंपनी के ग्रंथ में हिस्सेदारी बन सकता है या फिर वह उन शहरों को बेचकर कैश में बदल सकता है.
मिलता है कैपिटल ग्रोथ
दोस्तों जब भी कोई कंपनी अपना आईपीओ लॉन्च करती है तो उसके शेयर की कीमतों में वृद्धि होती है. शेयर की कीमत में वृद्धि होने से निवेशको के इन्वेस्ट किए हुए कैपिटल में भी वृद्धि होती है. दरअसल इसके पीछे का वजह यह है कि जब कंपनी लोगों से आईपीओ के द्वारा पैसे इकट्ठे कर लेती हैं तो इस पैसों से बिजनेस करने पर जो प्रॉफिट होता है उससे कंपनी का मार्केट केपीटलाइजेशन बढ़ जाता है. इस तरह स्वाभाविक रूप से कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ जाती है जो कंपनी के इन्वेस्टर को भी लाभ पहुंचती है.
उदहारण:
दोस्तों अगर आपने सुपरहिट कॉरपोरेशन नामक कंपनी के बारे में सुना होगा तो आप जानते होंगे कि आईपीओ के माध्यम से इस कंपनी ने सार्वजनिक होकर अपने बिजनेस में बड़ी सफलता पाई है. IPO लॉन्च करने के बाद इनके टेक्निकल प्रोडक्ट्स और सर्विस की मांग बढ़ गई जिसके फल स्वरुप इनके मार्केट शेयर में बढ़ोतरी हो गई थी.
अपने आईपीओ को लॉन्च करने से इन्होंने जो कुछ भी फंड इकट्ठा किया था. उसका इस्तेमाल इन्होंने अपने बिजनेस में किया और नए प्रोडक्ट बनाएं अपने बिजनेस को ग्लोबल लेवल पर ले गए. इस तरह से जब उन्होंने ऐसा किया तो उनके बिजनेस में प्रॉफिट भी बढ़ गया जिससे उनके शेयरों में वृद्धि हुई और निवेशकों को कैपिटल गेन हुआ.
बन सकते हैं कंपनी के विकास का हिस्सा
दोस्तों दोस्त जब आप किसी कंपनी के आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो आपसे पूछ के शेरों को नहीं खरीदते बल्कि कंपनी के कंपनी ने जिस मकसद के लिए आपसे पैसे लिए हैं यानी अपने बीच कम बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए तो आप उसे का एक हिस्सा बन जाते हैं भले ही आप उसे पर ध्यान दें या ना दें. अगर आपने कंपनी में बड़ी मात्रा में हिस्सेदारी ली है तो आप कंपनी को गाइड कर सकते हैं कि उन्हें किस तरह सेबिज़नेस आगे बढ़ना चाहिए. आपका यह सहयोग कंपनी को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है जब कंपनी आगे बढ़ेगी कंपनी को प्रॉफिट होगा तो उसे प्रॉफिट का हिस्सा आपको भी मिलेगा क्योंकि आप उसके हिस्सेदार हैं.
उदाहरण: दोस्तों एक इन्वेस्टर ने टेक कंपनी के आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट किया था. उस व्यक्ति के कुछ और साथियों ने भी उसमें पैसे इन्वेस्ट की थे. जिस कंपनी में पैसा इन्वेस्ट किया था उसने एक इन्नोवेटिव टेक्नोलॉजी विकसित की . यह मार्केट में बहुत हो पॉपुलर हो गया जिसकी वजह से कंपनी को बहुत मुनाफा कमाया हुआ. इसका फायदा उन लोगों को भी हुआ जो उन्होंने कंपनी के आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट किया था. इन लोगों ने अपनी हिस्सेदारी को बेचकर लाभ तो कमाया है ही लेकिन उनकी वजह से कंपनी ने जो सफलता प्राप्त की थी उसमें भी उनका नाम आया .
ये रिस्क होते हैं आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करने से | Ipo के नुकसान
Volatility:
देखिए दोस्तों आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करने के सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि आईपीओ के शेयर बहुत ही वोलेटाइल होते हैं यानी इनके दाम गिरते बढ़ते रहते हैं. दरअसल इसके पीछे वजह है मार्केट का सेंटीमेंट और इन्वेस्टर के डिमांड के इनफ्लुएंस में उनका प्राइस फ्लकचुएट कर सकता है इसलिए शॉर्ट टर्म में शेयर प्राइस ऊपर जा सकता है और नीचे भी गिरने की संभावना होती है.
Uncertain Performance:
दोस्तों मार्केट में जो भी नए आईपीओ आते हैं उनके परफॉर्मेंस को प्रेडिक्ट नहीं किया जा सकता है क्योंकि इन कंपनी के बिजनेस मॉडल और फाइनेंशियल, ट्रैक रिकॉर्ड आदि के बारे में लिमिटेड इनफॉरमेशन उपलब्ध होती है. अगर आप नुकसान से बचना चाहते हैं तो किसी भी कंपनी के IPO में पैसे लगाने से पहले आपको उसके बिजनेस के बारे में पूरा रिसर्च और एनालिसिस करना चाहिए. ताकि आप यह पक्का कर सकें कि आगे चलकर वह बिजनेस कितना सफल होगा. अगर सफल होगा तभी तो आपको आईपीओ से फायदा होगा.
Lock-in Period:
दोस्तों कुछ आईपीओ ऐसे होते हैं जिसमें इन्वेस्टर को “लॉक इन पीरियड” रूल फॉलो करना पड़ता है. लॉक इन पीरियड एक ऐसा टाइम होता है जिसमें एक निश्चित समय तक शेयर को होल्ड करके रखना पड़ता है. दोस्तों बता दे कि इस लॉक इन पीरियड होने से शेयर के लिक्विडिटी पर कुछ समय के लिए रिस्ट्रिक्शन हो सकती है.
Limited Information:
दोस्तों मार्केट में जो भी नए आईपीओ आते हैं उन कंपनियों के बारे में बहुत कम जानकारी होती है जिससे इन्वेस्टर को कंपनी के बिजनेस को समझने में मुश्किल होती है और वह कंफर्म नहीं कर पाए कि इनका बिजनेस प्रॉफिट दिलाएगा या नहीं.
इसलिए किसी कंपनी के आईपीओ में इन्वेस्ट करने से पहले कंपनी के फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट और अन्य चीजों को ध्यान में रखना जरूरी है ताकि आप आईपीओ में इन्वेस्ट करने पर होने वाले नुकसान से बच जाएं.
आइए फटाफट कुछ ऐसे सवालों के जवाब जान लेते हैं जो अक्सर लोग पूछा करते हैं. शायद इनमें से कोई सवाल आपके मन में भी हो-
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- fAQ
what is ipo in stock market in hindi में बताइए.
व्हाट इज आईपीओ इन स्टॉक मार्केट इन हिंदी में समझने के लिए सबसे पहले यह समझिए कि आईपीओ का फुल फॉर्म क्या होता है तो आपको बता दे आईपीओ का फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक आफरिंग होता है. अगर अब अगर बात करें initial public offering meaning in hindi में क्या होता है. तो इसका हिंदी मतलब शुरुआती सार्वजानिक प्रस्ताव होता है.
दरअसल आईपीओ एक ऐसा प्रोसेस होता है जिसके द्वारा प्राइवेट कंपनी अपने बिजनेस को पब्लिक कंपनी बनाती हैं और लोगों को अपने कंपनी के हिस्सेदारी बेचकर बदले में उनसे पैसे लेती हैं. इस पैसे को वह अपने बिजनेस को ग्रो करने के लिए इस्तेमाल करती हैं. जब कंपनी का बिजनेस ग्रो करने लगता है तो अपने बिजनेस से कमाए हुए प्रॉफिट को कंपनी से जुड़े उन लोगों के साथ साझा करती है जिन्होंने कंपनी के में हिस्सेदारी (शेयर ) खरीदे थे.
इस पूरे प्रक्रिया के द्वारा कंपनी को अपने बिजनेस के लिए पैसे मिल जाते हैं और लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिलने से कंपनी को आगे जो कुछ भी प्रॉफिट होता है उनको अपने हिस्से का मुनाफा मिल जाता है.
उम्मीद करते हैं अब आपको पता चल गया होगा कि what is ipo in hindi और ipo full form in hindi में क्या होता है.
शेयर होल्डिंग क्या होता है holdings meaning in hindi में बताइए.
दोस्तों शेयर होल्डिंग का मतलब होता है कि किसी भी कंपनी में हिस्सेदारी का मलिकाना हक होना. अगर किसी कंपनी में आपका शेयर यानी हिस्सेदारी है तो आपको शेयर होल्डर कहा जाएगा. ऐसी स्थिति में आपके पास उस कंपनी के कुछ हिस्सा होगा जिसके आप हकदार होंगे. आप किसी कंपनी में जितने ज्यादा शेयर होल्डर करेंगे आपको उस कंपनी में उतना ही ज्यादा ओनरशिप यानी हकदार या मालिक होंगे. बता दें की शेयर होल्डिंग होने से कई सारे फायदे होते हैं जैसे कि अगर कंपनी अपने शेरहोल्डर को कभी डिविडेंड देती है तो आपको भी इसका बेनिफिट मिलेगा.
pledge holding meaning in hindi में बताइए.
दोस्तों बात करें pledge holding meaning in hindi में तो इसका मतलब होता है कि जब कोई कंपनी किसी संस्था से लोन या कर्ज के नाम पर पैसे लेती है तो वह सिक्योरिटी के तौर पर अपने शेयर्स को गिरवी रखती है. अगर कंपनी समय सीमा के रहते हुए लोन या कर्ज नहीं दे पाती है तो ऐसी स्थिति में लोन देने वाली संस्था या व्यक्ति कंपनी के शेयर को बेचकर अपना भरपाई कर सकते हैं.
listing price meaning in hindi में बताइए.
अगर आप लिस्टिंग प्राइस के बारे में नहीं जानते तो बता दें कि लिस्टिंग प्राइस मीनिंग का सीधा मतलब यह होता है कि जब कोई कंपनी पहली बार अपने आईपीओ लाती है तो उसके शेयर का जो कीमत होता है उसे ही लिस्टिंग प्राइस कहते हैं.
दोस्तों किसी भी कंपनी का लिस्टिंग प्राइस उसी कंपनी के द्वारा ही डिसाइड किया जाता है. अगर बात करें कि किसी कंपनी का लिस्टिंग प्राइस है किन बातों के आधार पर तय किया जाता है तो यह बहुत सारी चीजों पर निर्भर करता है जैसे की कंपनी के फाइनेंशियल परफॉर्मेंस कैसे रहे हैं , कंपनी जिस इंडस्ट्री में बिजनेस करती है उसका इंडस्ट्री ट्रेंड कैसा है और साथ में मार्केट कंडीशंस को भी देखा जाता है.
आईपीओ खरीदने के फायदे बताइए.
दोस्तों अगर आप आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो इससे आपको अपने पैसे को डबल करने का मौका मिलता है क्योंकि अगर कंपनी का बिजनेस अच्छा चला और कंपनी के शेयर का प्राइस बढ़ा तो आप अपने शेयर को ज्यादा दाम में बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा आईपीओ में पैसे लगाकर आप ऐसे बिजनेस में इन्वेस्ट कर सकते हैं जो कि अभी शुरुआती स्टेज में है और उनमें ग्रंथ की बहुत ज्यादा संभावना है. आईपीओ के दौरान पैसे लगते लगाने से एक तो आपको इन्वेस्ट कम करना पड़ेगा यानी आपको सस्ता पड़ेगा और आप समय के साथ अच्छी कमाई भी कर लेंगे.
ipo के नुकसान बताइए.
दोस्तों अगर आईपीओ में पैसे लगाने के फायदे हैं तो इसके कुछ नुकसान भी हैं. अगर आप आईपीओ में पैसे लगाते हैं तो हो सकता है कि उस कंपनी के शेयर प्राइस बढ़ने के बजाय नीचे गिर जाए. अगर कंपनी का शेयर प्राइस गिर जाता है तो आपके इन्वेस्टमेंट की वैल्यू अपने आप कम हो जाएगी. इसके अलावा हो सकता है कि आईपीओ लॉन्च होने के शुरुआती दिनों में आपको उस स्टॉक प्राइस में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिले जिससे आप चिंता में पड़ जाए और अपना मानसिक संतुलन को बैठे.
आईपीओ कैसे खरीदें बताइए.
दोस्तों अगर आप आईपीओ खरीदना चाहते हैं तो आप किसी भी रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के जरिए डिमैट अकाउंट खोलकर आईपीओ खरीद सकते हैं. बता दे कि आजकल आईपीओ खरीदना बहुत ही आसान हो गया है आप groww ऐप , जीरोधा ऐप, upstox ऐप , एंजेल वन ऐप जैसे प्लेटफार्म पर अपना अकाउंट खोलकर आईपीओ खरीद सकते हैं.
दोस्तों यदि म्युचुअल फंड के फायदे और नुकसान टॉपिक पर लिखे गए खास जानकारी उम्मीद करते हैं आर्टिकल में मिली जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपके सारे सवालों के जवाब भी मिल गए होंगे अगर आपके मन में आईपीओ से रिलेटेड अभी भी कोई सवाल है तो आप भेज जब कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते हैं. तो आप हमें दीजिए इजाजत मिलेंगे किसी नई पोस्ट में नहीं जानकारी के साथ तब तक रखें अपना खूब सारा ध्यान.
धन्यवाद
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