अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेड करते हैं तो आपको पता होगा की इंटीट्यूशनल डिमांड और सप्लाई जोन में कितना पावर होता है और पता होना भी चाहिए क्योंकि बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट ही स्टॉक मार्केट में प्राइस को कंट्रोल करते हैं.
अगर हमे किसी तरह से पता चल जाए की बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट कब शेयर खरीदने वाले हैं और कब बेचने वाले हैं तो हम भी उसी समय अपना ऑर्डर लगाकर प्राइस के बढ़ने का आनंद ले सकते हैं . लेकिन समस्या ये है की हमारे स्टॉक मार्केट में हजार से भी ज्यादा स्टॉक लिस्टेड हैं ऐसे में हम कैसे जाने किस कहां पर डिमांड जोन बन रहा है और बन भी रहा है तो उस जोन में कितना पावर है , क्या वो जोन चलेगा भी या नहीं , कहीं स्टॉप लॉस न हो जाए . ऐसे बहुत सारे तरह के सवाल मन में आते हैं , तो इसी समस्या का समाधान करने के लिए हम यह स्कैनर लेकर आए है (Institutional Demand Zone Scanner For Free 2025 | RBR And DBR Pattern Scanner)
इस स्कैनर की मदद से आप कस्टम बेस कैंडल , कस्टम टाइम फ्रेम और कस्टम स्टॉक का नाम डालकर डिमांड जोन स्कैन कर सकते हैं . लेकिन इनमें से कौन सा जोन चलेगा या नहीं इसके लिए आपको कुछ वेरिफिकेशन करना होगा . जैसे की लेगआउट कैंडल का स्ट्रेंथ कितना है , लेगआउट कैंडल में कितना ज्यादा प्राइस मूवमेंट आया होगा वह उतना स्ट्रॉन्ग जोन माना जाता है . इसके बाद आपको देखना है की उस जोन में कम से कम बेस कैंडल हो , ज्यादा बेस कैंडल वाले जोन कमजोर होते हैं और स्टॉपलॉस होने का चांसेस रहता है.
इसके बाद सबसे इंपोर्टेंट चीज जो आपको बतानी है कि जोन ढूंढ लेने के बाद आपको 2 टाइम फ्रेम का एनालिसिस खुद से करना होगा . ITF टाइम फ्रेम में ट्रेड चेक करें और HTF टाइम फ्रेम में लोकेशन एनालिसिस कर लें. अगर ITF का ट्रेड और HTF का लोकेशन आपके पक्ष में है तो आप ट्रेड लेने के बारे में सोच सकते हैं.