दोस्तों आपने देखा होगा कि अक्सर हमें यूट्यूब चैनल, टीवी चैनल और अलग-अलग वेबसाइट/ब्लॉग के माध्यम से अलग अलग कंपनी के आईपीओ खरीदने का सुझाव मिलता रहता है और इनमें ऐसा दावा किया जाता है कि इस आईपीओ को खरीद कर आप मालामाल बन जाएंगे.
यही वजह है कि पैसे से पैसे कमाने के लिए बहुत सारे लोग आईपीओ में इन्वेस्ट करते हैं और बाद में उन्हें अच्छा प्रॉफिट भी मिलता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आईपीओ में पैसे लगाने से पैसे कैसे मिलते हैं. यानी कि Ipo से कमाई कैसे होती है?
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं कि आखिर आईपीओ क्या होता है , आईपीओ से पैसे कैसे कमाए जाते हैं और यह पैसे आता कहां से हैं.
कुल मिलाकर कहें तो आर्टिकल बहुत खास होने वाला है इसलिए पूरी जानकारी के लिए हमारे साथ लास्ट तक बने रहे हैं……
तो अब ज्यादा वक्त न लेते हुए चलिए आर्टिकल को शुरु करते हैं और फटाफट जानते हैं आईपीओ से पैसे कमाने का फंडा
Contents
पहले जानिए ‘क्या होता है आईपीओ’
दोस्तों बात करें कि What is IPO in Hindi में तो इसका मतलब इनिशियल पब्लिक आफरिंग होता है .यानी कि जब भी कोई कंपनी पहली बार अपने कंपनी के हिस्सेदारी को बेचकर लोगों से पैसा लेने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में जाती है तो इसे ही आईपीओ कहा जाता है.
जब लोग कंपनी के शेयर को खरीदते हैं तो इससे लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी यानी हक मिल जाता है, जिस व्यक्ति के पास कंपनी का जितना ज्यादा शेयर होगा उसका उस कंपनी में उतना हक होगा. शेयर खरीदने के बाद कंपनी को जो भी प्रॉफिट लॉस होता है उसका हमारे शेयर के वैल्यू पर असर पड़ता है. क्योंकि किस भी कंपनी का शेयर प्राइस कंपनी के बिजनेस वैल्यू से ही तय होता है,और कंपनी की वैल्यू बिजनेस में होने वाले प्रॉफिट लॉस के हिसाब से कम -ज्यादा होती रहती है.
यह तो रही आईपीओ की जानकारी. आइए अब आपको इसके प्रकार के बारे मे बताते हैं –
Initial Public Offer (IPO) के प्रकार
अगर बात करें कि आईपीओ कितने प्रकार का होता है तो इसके मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं पहला होता है- फिक्स्ड प्राइस आफरिंग आईपी और दूसरा होता है – बिल्डिंग ओपनिंगबुक बिल्डिंग आफरिंग आईपीओ. आइए आपको इन दोनों के बारे में एक-एक करके विस्तार से बताते हैं-
फिक्स्ड प्राइस आफरिंग
फिक्स्ड प्राइस आफरिंग जैसे कि नाम को ही पढ़कर समझ में आता है कि ऐसा आईपीओ जिसमें कंपनी अपने शेयर का प्राइस खुद तय करती है और लोग उस कीमत पर ही कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो इसे फिक्स्ड प्राइस आफरिंग आईपीओ कहा जाता है
दोस्तों इस तरह के आईपीओ में कंपनी के संपत्ति , लेनदेन आदि का मूल्यांकन करके कंपनी के वर्तमान वैल्यू का हिसाब करना होता है जिसके आधार पर कंपनी अपने शेयर की कीमत तय करती है. यह पूरा काम मर्चेंट ब्रोकर करती है.
बुक बिल्डिंग आफरिंग
दोस्तों इस तरह की आईपीओ में पहले से कंपनी के शेयर प्राइस तय नहीं किया जाता है बल्कि. इसमें प्राइस तय होने से पहले ही इन्वेस्टर कंपनी में पैसे निवेश कर देते हैं और उनके शेयर खरीद लेते हैं।
कहने का मतलब यह है कि जब कंपनी अपना आईपीओ लॉन्च करने वाली होती है तो वह पहले से अपना एक समय निर्धारित कर देती है इस समय के अंदर ही यह लोग निवेश पर बोली लगाते है।
बोली लगाने की यह सीमा 20% के अंदर ही होती है। आपको बता दें की बोली लगने वाली प्राइस की अधिकतम सीमा को कैप प्राइस कहा जाता है वहीं इसके मिनिमम सीमा को फ्लोर प्राइस कहते हैं।
ऐसे करते हैं आईपीओ में इन्वेस्ट
दोस्तों चाहे आप किसी भी कंपनी की आईपीओ में इन्वेस्ट करना चाहते हैं इसके लिए एक डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी होता है। बिना डिमैट अकाउंट के आप किसी भी कंपनी का आईपीओ नहीं खरीदा जा सकता है यानी उनमें पैसे इन्वेस्ट नहीं कर सकते हैं।
बात करें डिमैट अकाउंट कैसे बनता है और कहां बनता है तो इसके लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है. आज सारा काम ऑनलाइन हो चुका है। डिमैट अकाउंट बनाने के लिए सबसे पहले आपको किसी अच्छे ब्रोकर के यहां अकाउंट खुलवाना होगा . अगर बात करें कि आज के टाइम पर सबसे अच्छा ब्रोकर कौन है जो डिमैट अकाउंट खोलता है तो इसमें Groww, जीरोधा, अप स्टॉक, एंजेल वन जैसे कई जाने -मानें ब्रोकर का नाम आता है। आप इनमें से किसी भी पसंदीदा ब्रोकर के जरिए अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते है ।
चाहे आप किसी भी ब्रोकर के साथ डिमैट अकाउंट खोले आपको सबसे पहले उनका ऐप डाउनलोड करना होगा. ये ऐप आपको प्ले स्टोर में मिल जाएगा. इसके बाद डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड , बैंक अकाउंट होना जरूरी है. अगर इतना सब होगा तो आप आसानी से डिमैट अकाउंट खोल सकेंगे और ऐप में लोगिन करने के बाद आप आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट कर सकेंगे।
ऐसी होती है आईपीओ से कमाई
दोस्तों डिमैट अकाउंट बनने के बाद अब बारी आती है आईपीओ खरीदने की. जब आप अपना डिमैट अकाउंट खोलेंगे तो आपके मोबाइल स्क्रीन परबहुत सारे ऑप्शन दिखाई देंगे उनमें ही आपको आईपीओ का ऑप्शन भी दिखाई देगा आप उसे ऑप्शन पर चले जाइए. यहां से आपकंपनी का आईपीओ खरीद सकते हैं.
बता दें कि जिस भी कंपनी ने अपना आईपीओ लॉन्च किया होता है और अपने शेयर के बदले लोगों से पैसे लेती है तो इसके बाद उन पैसों से वह बिजनेस करती है.
कंपनी के बिजनेस से जो भी प्रॉफिट लॉस होगा उस कंपनी का शेयर प्राइस पर असर पड़ेगा अगर कंपनी को मैं प्रॉफिट होगा तो कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ जाएगी. वहीं अगर कंपनी के बिजनेस में लॉस होता है तो उसके शेयर की कीमत गिर जाएगी. इस तरह से आप यहां देख सकते हैं कि आज कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ने पर आपने जो शेयर खरीद कर रखा है उसका कीमत भी उसी हिसाब से घटेगा बढ़ेगी जिसका फायदा नुकसान आपको देखने को मिलेगा.
बता दे कि यहां पर शेयर की कीमत घटने बढ़ने से मतलब है कि कंपनी की वैल्यू घट बढ़ रही है कंपनी की वैल्यू घटेगा बढ़ेगी तोइसका सीधा असर ए कंपनी के शेयर प्राइस पर पड़ेगा वह शेयर प्राइस ऊपर नीचे होगायानी कि आपके द्वारा खरीदे हुए शेयर की कीमत कम ज्यादा होगीशेयर की कीमत कम होगी तो आपको नुकसान होगा बढ़ेगी तो आपको प्रॉफिट होगा.
अगर आप लंबे समय तक इस शेयर को होल्ड करके रखेंगे और कंपनी को प्रॉफिट होगा तो आपके शेयर की कीमत ऑटोमेटिक बढ़ जाएगी आप इस शेयर को बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.. बात करें इस शेयर को खरीदेगी कौन तो वह लोग इस शेयर को खरीदेंगे जो लोग आपके ही तरह कंपनी के शेयर खरीद कर उसके प्रॉफिट से मुनाफा कमाना चाहते हैं.
अगर आप शेयर को तुरंत नहीं बेचेंगे तो लंबे समय में जैसे-जैसे कंपनी का प्रॉफिट बढ़ता रहेगा तो इस शेयर की कीमत भी बढ़ती रहेगी
आइए आपको उदाहरण से समझाते हैं – अगर आपने कोई शेयर ₹10 में खरीदे था यानी ₹10 आईपीओ में लगाए थे और कंपनी आप जैसे लोगो से पैसे लेकर बिजनेस ककरती है जिसमे उनको अच्छा प्रॉफिट मिलता है तो इससे शेयर की कीमत बढ़ जायेगी क्योंकि अब कंपनी का वैल्यू बढ़ गया. पहले उसके पास सिर्फ 10 रूपए थे लेकिन बिजनेस से प्रॉफिट कमाने के बाद उसके पास 50 रूपए हो गए हैं..
तो अब आपने जो शेयर 19 रूपए में खरीदा था उसका दाम या भाव 50 रूपए हो गया है, आप इस शेयर को इतने रूपए में बेचकर आप 40 रु, का फायदा उठा सकते हैं. क्योंकि आपने उस शेयर को सिर्फ 10 रूपए में खरीदा था.
तो दोस्तों उम्मीद करते हैं कि अब आपको समझ में आ गया होगा कि आईपीओ में पैसे लगाकर कैसे पैसे कमाए जाते हैं
आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करने के फायदे
अब बात करते हैं आईपीओ में पैसे लगाने से क्या-क्या फायदे होते हैं-
अच्छा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन
आईपीओ में पैसे इन्वेस्ट करने पर समय के साथ उसका अच्छा रिटर्न मिलता है क्योंकि जिस कीमत पर हमने कंपनी के शेयर खरीदे होते हैं उसकी वैल्यू बढ़ जाता है क्योंकि कंपनी के बिजनेस का प्रॉफिट बढ़ता है। इस तरह कह सकते हैं कि कंपनी का शेयर खरीदना और आईपीओ में पैसे लगाना एक अच्छा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है।
लगानी पड़ती है कम पूंजी
आईपीओ आने पर कंपनी के शेयर को कम दाम में खरीद सकते हैं. और लंबे समय तक होल्ड करके रखने से यहां अच्छा रिटर्न मिलता है।
अक्सर पूंछे जाने वाले सवाल
लोग आईपीओ क्यों खरीदते हैं
लोग आईपीओ इसलिए खरीदते हैं क्योंकि इसके जरिए पर वह कंपनी में पैसे इन्वेस्ट करके उनके बिजनेस का हिस्सा बन सकते हैं और कंपनी को जो कुछ भी मुनाफा होगा वह उन्हें भी मिलेगा. इसलिए लोग कंपनी का आईपीओ खरीदते हैं.
क्या आईपीओ आपको अमीर बन सकता है
देखिए बात करें कि आईपीओ आपको अमीर बन सकता है या नहीं तो यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करेगा कि आप किस तरह के बिजनेस का आईपीओ खरीद रहे हैं. अगर अच्छी कंपनी का आईपीओ खरीदेंगे जिसका बिज़नेस आगे चलकर और भी बड़ा होने वाला है तो इसे जरूर आपको लाभ मिलेगा और आप अमीर भी बन सकते हैं।
आईपीओ और शेयर में क्या अंतर है
बात करें आईपीओ और शेयर में मुख्य अंतर क्या है तो जब पहली बार कोई कंपनी अपने शेयर को जनता के साथ बेचती है तो इसे ही आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग ) कहां जाता है. इससे पहले कंपनी का पूरा अधिकार हक यानी उसके शेयर्स आमतौर पर कंपनी के संस्थापक , निवेशक या कर्मचारी के पास होते हैं।
आईपीओ का दूसरा नाम क्या है
आईपीओ के दूसरा नाम को आप स्टॉक लॉन्च कह सकते हैं क्योंकि यह वह समय होता है जब पहली बार कोई कंपनी अपने शेयर को आम जनता के साथ बेचती है और बदले में उनसे पैसा लेती हैंआईपीओ कब बेच सकते हैं
किसी भी कंपनी के आईपीओ खरीदने के बाद आप उसे तभी बेच सकते हैं जब उसे कंपनी का शेयर बाजार में लिस्ट हो जाए और वह खरीद बिक्री के लिए चालू हो जाए।
आईपीओ में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए
बात करने की आईपीओ में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए तो इसके पीछे वजह यह है कि आईपीओ के लिए अप्लाई करने के बाद गारंटी नहीं होती है कि शेयर आपको मिलेंगे ही. क्योंकि आईपीओ में अप्लाई करने वाले लोगों की संख्या मौजूद शेयरों की संख्या से बहुत ज्यादा होती है इसलिए सभी लोगों को शेयर नहीं मिल पाते।
आईपीओ खरीदने के लिए कौन सा अकाउंट चाहिए
बात करें आईपीओ खरीदने के लिए कौन सा अकाउंट चाहिए तो इसके लिए आपके पास डिमैट अकाउंट होना चाहिए।
आईपीओ कंपनी कैसे ढूंढे
अगर आप जानना चाहते हैं कि हाल में कौन सी कंपनी का आईपीओ आने वाला है या फिर अभी किस कंपनी का आईपीओ आया है तो इसकी लेटेस्ट अपडेट के साथ पूरी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज के वेबसाइट पर मिल जायेगी. हमारे इंडिया में NSE और BSE दो पॉपुलर स्टॉक एक्सचेंज हैं. आप इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज के वेबसाइट में जाकर जानकारी ले सकते हैं कि कौन सा आईपीओ आने वाला है।
आईपीओ में कब निवेश करें
दोस्तों आपको किसी भी कंपनी के आईपीओ में पैसे तब निवेश करना चाहिए जब आपको लगे की कंपनी का बिजनेस मॉडल एकदम मजबूत है .कंपनी के ऊपर किसी भी तरह का कर्ज वगैरा नहीं है और उनका मैनेजमेंट भी बहुत तगड़ा है। अगर आपको किसी भी कंपनी में यह सारी चीज देखने को मिलती है तो उसे कंपनी के आईपीओ में इन्वेस्ट करके आप जरूर मुनाफा कमा सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों उम्मीद करते हैं कि हमारे साथ आर्टिकल में यहां तक बने रहने के बाद आपको आईपीओ के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी और आपको पता चल गया होगा कि आईपीओ क्या है ,आईपीएस से पैसे कैसे कमाए जाते हैं।
चलते-चलते आपको बता दे कि आईपीओ से अच्छे-खासे पैसे कमाए जाते हैं लेकिन इसमें रिस्क की भी संभावना होती है. इसलिए किसी भी कंपनी के आईपीओ में पैसे लगाने से पहले प्रॉपर रिसर्च जरूर कर लें. ताकि आप कॉन्फिडेंस के साथ कह सके कि कंपनी का बिजनेस जरुर चलेगा और वह प्रॉफिट काम आएंगे जिससे हम वह भी उसका लाभ मिलेगा।
लेकिन अगर आपको है उनके बिजनेस में दम नजर नहीं है या फिर उनके बिजनेस में प्रॉफिट नहीं दिखता तो आपको उस पर पैसा लगाना आपको बर्बाद कर सकता सकता है क्योंकि जब कंपनी प्रॉफिट नहीं कमाएगी तो आपको प्रॉफिट कैसे देगी यानी आपका पैसा डूब जाएगा।
तो बस यही आखिरी चीज थी जिसके बारे में हम आपको बताना चाहते थे । अब हमे दीजिए इजाजत. हमारे साथ यहां तक बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।