Arbitrage Trading Kya Hai – जाने इसके नुकसान

दोस्तों अगर बात करें कि स्टॉक मार्केट में arbitrage trading kya hai तो दरअसल यह एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी होती है जिसका इस्तेमाल करके ट्रेडर स्टॉक की प्राइस डिफरेंस का फायदा उठाते हैं. इसके लिए ट्रेंडर किसी एक स्टॉक एक्सचेंज से xyz नाम के स्टॉक को खरीदते हैं फिर इस स्टॉक को किसी दूसरे एक्सचेंज में बेचते हैं जहां उसकी कीमत ज्यादा होता है. इस तरह इस प्राइस डिफरेंस का फायदा उठाकर स्टॉक खरीदने बेचने को ही आर्बिटरेज ट्रेडिंग कहते हैं. 

आइए इस स्ट्रेटजी के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं……………… 

आर्बिट्राज ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

बात करें आर्बिट्राज ट्रेडिंग कैसे काम करती है तो इसे आप इस तरह समझिए कि जब कोई ट्रेडर एक स्टॉक एक्सचेंज से सस्ते दाम में स्टॉक खरीद कर उसे किसी दूसरे ऐसे स्टॉक एक्सचेंज में बेचता है जहां उसका कीमत ज्यादा होता है तो इस प्राइस डिफरेंस का वह फायदा उठाते हैं और मुनाफा कमाते हैं.

दोस्तों बता दें कि स्टॉक अलग-अलग स्टॉक एक्सचेंज में सेम कंपनी के स्टॉक प्राइस का अंतर बहुत ही कम समय के लिए देखने को मिलता है. इसलिए आर्बिट्राज ट्रेडिंगर्स के एबिलिटी पर निर्भर करता है कि वह स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों के स्टॉक प्राइस डिफरेंस का कितना फायदा उठा सकते हैं

जैसे कि हमने आपको बताया स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक प्राइस का डिफरेंस कम समय के लिए ही देखने को मिलता है तो ऐसे स्टॉक को ढूंढने के लिए रब ट्रांस ट्रेडर्स एक खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं जिसका नाम sophisticated software है.   

आइए आपको कुछ एग्जांपल के जरिए विस्तार से आर्बिट्राज ट्रेडिंग के बारे में बताते हैं-

मान लेते हैं शंकरन पिल्लई नाम के व्यक्ति ट्रेडिंग करते हैं. शंकरन पिल्लई स्टॉक मार्केट से पैसा कमाने के लिए आर्बिट्राज ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को अपनाते हैं और ऐसे अपॉर्चुनिटी की तलाश करते हैं जिससे वह आर्बिट्राज ट्रेडिंग करके जल्दी पैसे कमा सकें. बहुत रिसर्च करने के बाद उन्हें ABC नाम का एक स्टॉक मिल जाता है. यह स्टॉक  NYSE  यानी New York Stock Exchange में लिस्टेड है जहां इसकी कीमत $5 है तथा यह स्टॉक बीएससी में भी लिस्टेड है जहां इसकी कीमत 346 रु. है.  

मानकर चलते हैं कि एक एक्सचेंज से दूसरे एक्सचेंज तक स्टॉक एक्सचेंज रेट $1 = ₹70 है तो इस कैलकुलेशन के हिसाब से जब हम डॉलर को इंडियन रूपए में कन्वर्ट करेंगे तो $5 का ABC स्टॉक हमे NYSE (न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज) में 350 रुपए का पड़ेगा.

शंकरन पिल्लई के पास उस के स्टॉक मार्केट और इंडियन स्टॉक मार्केट दोनों ही एक्सचेंज का एक्सेस है यानी दोनों ही एक्सचेंज में अकाउंट खुला हुआ है तो अब वह BSE स्टॉक एक्सचेंज में 346 रु. का ABC स्टॉक खरीद कर उसे NYSE (न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज)  में $5 यानी ₹350 में बेच सकते हैं और इस बीच हर शेयर पर ₹4 का प्रॉफिट कमा सकते हैं.  

दोस्तों फॉरेन एक्सचेंज रेट और दोनों मार्केट में मौजूद डिमांड और सप्लाई की स्थिति आर्बिट्राज ट्रेडिंग के लिए सुविधाजनक मौके तैयार करती है. इसका मतलब है कि अगर हम एक मार्केट से सस्ती करेंसी में स्टॉक खरीद कर दूसरे मार्केट में महंगी करेंसी में बेचे तो हमें मुनाफा मिलेगा.

आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है ये कंडीशन

दोस्तों अगर आप आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने के बारे में सोच रहे हैं और इससे तुरंत पैसा कमाना चाहते हैं तो इसके लिए दो कंडीशन का होना बहुत जरूरी है. उन कंडीशन के नाम इस तरह से हैं – 

  • Asset Price Mismatch

आर्बिट्रेशन करने के लिए जरूरी है वही स्टॉक अलग-अलग प्राइस पर अलग-अलग एक्सचेंज में ट्रेड करना चाहिए.  

  • Simultaneous Transaction

आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेंडर को अलग-अलग मार्केट यानी स्टॉक एक्सचेंज में एक ही समय स्टॉक खरीदना और बेचना होगा. क्योंकि दोस्तों आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने का मौका बहुत ही कम समय के लिए होता है तो जल्दी से स्टॉक खरीदने और उसे बेचने पर ही मुनाफा मिलेगा. 

हमारे देश में आर्बिट्राज ट्रेडिंग कैसे काम करती है

दोस्तों हमारे देश में ऐसे कम ही स्टॉक है जो की इंडियन स्टॉक एक्सचेंज में साथ फॉरेन स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्टेड हो. इसलिए आपको फॉरेन कंट्री में आर्बिट्राज ट्रेडिंग  करने के चांसेस बहुत कम ही मिलेंगे. हमारे भारत में NSE और BSE दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है. दोनो एक्सचेंज में आपको सभी लिस्टेड कंपनी मिल जाएगी. यहां आपको आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने का अच्छा मौका मिल सकता है.  

लेकिन दोस्तों आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने में समस्या यह है कि हमारे देश में शेयर मार्केट को कंट्रोल करने वाली संस्था SEBI ने उसी दिन अलग-अलग एक्सचेंज में स्टॉक को खरीदने बेचने पर प्रतिबंध लगाई है.  इसलिए ट्रेडर्स  आसानी से आर्बिट्राज ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने के लिए आप किसी एक एक्सचेंज में अपनी डिमैट अकाउंट के द्वारा शेयर को बेचकर दूसरे एक्सचेंज में उसी मात्रा में शेयर खरीद सकते हैं. 

उदाहरण के लिए ABC कंपनी के शेयर को आप BSE एक्सचेंज में बेच सकते हैं और उसी कंपनी के शेयर उसी मात्रा में NSE में खरीद सकते हैं. अगर आप इस तरह से आर्बिट्राज ट्रेडिंग करेंगे तो इसे इंट्राडे की तरह नहीं गिना जाएगा. 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आर्बिट्राज ट्रेडिंग में कौन-कौन से रिस्क होते हैं

दोस्तों बेशक आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने के फायदे हैं लेकिन इससे कुछ नुकसान भी होते हैं जिससे पैसे डूबने का रिस्क होता है. अगर आप आर्बिट्राज ट्रेडिंग करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इसके नुकसान के बारे में जरूर जानना चाहिए –

competition- अगर मार्केट में मौजूद सभी ट्रेडर्स प्राइस डिफरेंस का फायदा उठाने के लिए एक स्टॉक एक्सचेंज से दूसरे स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक बेचने लगे तो आपको अपना ट्रेड एग्जीक्यूट करना मुश्किल हो सकता है. 

Exchange rate fluctuations – दोस्तों हो सकता है कि एक एक्सचेंज से दूसरे एक्सचेंज में स्टॉक बेचने के दौरान उसका प्राइस चेंज हो जाए तो इससे आपके प्रोबेबिलिटी पर असर पड़ सकता है. अगर प्राइस का डिफरेंस ना के बराबर हो जाएगा तो स्टॉक बेचने न बेचने पर आपको कोई खास मुनाफा नहीं मिलेगा , उल्टा ब्रोकरेज चार्जेस लगेंगे तो प्रॉफिट कुछ भी नहीं बचेगा. 

क्या आर्बिट्राज ट्रेडिंग करना लीगल है ? इसे को लेकर हमारे देश में क्या नियम कानून है? 

जी हां दोस्तों आर्बिट्राज ट्रेडिंग करना हमारे भारत में पूरी तरह से लीगल है लेकिन इस पर कुछ रिस्ट्रिक्शंस लगाए गए हैं –

  • अगर आप उसी दिन एक ही स्टॉक को अलग-अलग एक्सचेंज में खरीदने बेचते हैं तो इस पर SEBI का प्रतिबंध है. वह इसके लिए अनुमति नहीं देती है.
  • कानूनी रूप से ट्रेड करने के लिए आपको अपने शेयर डिलीवरी में लेना होगा. 
  • आप एक एक्सचेंज से शेयर खरीद के दूसरे किसी दूसरे एक्सचेंज में नहीं बेच सकते हैं.

आप इन स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करके आर्बिट्राज ट्रेडिंग कर सकते हैं-

  • फ्यूचर आर्बिट्राज स्ट्रेटजी
  • मर्जर आर्बिट्राज स्ट्रेटजी
  • डिविडेंड आर्बिट्राज स्ट्रेटजी

अंतिम शब्द…….

दोस्तों आर्बिट्राज ट्रेडिंग उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो रिस्क लिए बिना प्रॉफिट कमाना चाहते हैं लेकिन आर्बिट्राज ट्रेडिं में ट्रांजैक्शन कॉस्ट लगते हैं और ट्रेड एग्जीक्यूट करने के लिए कम समय मिलता है तो यही कुछ चैलेंज है जिनके वजह से ट्रेडर्स को आर्बिट्राज ट्रेडिंग तभी करना चाहिए जब उन्हें प्रॉफिट दिखे. 

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