जानिए आँखिर – elss क्या है | क्यों करना चाहिए इसमें पैसे इनवेस्ट

दोस्तों इन्वेस्टमेंट करने वाले लोग ऐसे अपॉर्चुनिटी की तलाश में रहते हैं जहां पर पैसे इन्वेस्ट करने से उन्हें रेगुलर इनकम यानी रिटर्न मिले और साथ में टैक्स भी बचे. तो दोस्तों आज के टाइम पर ऐसे बहुत सारे इन्वेस्टमेंट स्कीम है यानी निवेश योजनाएं हैं जिनमें पैसे इन्वेस्ट करके आप अपने इन लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं. 

उन्ही में से एक इन्वेस्टमेंट स्कीम का नाम है ELSS फंड. अगर आप ELSS फंड के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानते हैं तो फिर आपको हमारा यह आर्टिकल एक बार जरूर पढ़ना चाहिए.  

इसमें हम आपको ELSS fund के बारे में पूरी जानकारी देंगे.  तो बिना देरी के चलिए आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं आखिर क्या है यह ELSS fund

क्या होता है ELSS Fund ?

दोस्तों ELSS फंड ऐसे इक्विटी फंड होते हैं जो कि अपने अधिकांश कॉरपस यानी इन्वेस्टमेंट को इक्विटी यानी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं. ELSS फंड में पैसे इन्वेस्ट करने पर टैक्स नहीं लगता है इसलिए बहुत से लोग इसे टैक्स सेविंग फंड भी कहते हैं. अगर आप ELSS फंड में 1.5 लाख रुपए तक इनवेस्ट करेगे तो आपको इस पर कोई भी टैक्स नहीं देना होगा. दरअसल इनकम टैक्स धारा अधिनियम 80c के तहत कहा गया है कि 1.5 लाख रुपए सालाना इन्वेस्ट करने पर इन्वेस्टमेंट राशि पर कोई भी टैक्स नहीं लिया जगाएगा.  

दोस्तों जैसे कि ELSS फंड नाम में लॉक इन पीरियड होता है. मतलब जो लोग इस फंड में पैसे इन्वेस्ट करेंगे वह 3 साल तक अपने पैसे इससे नहीं निकाल सकते हैं.  हाल ही में बहुत सारे टैक्स देने वाले लोगों ने अब ELSS फंड में पैसे इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया है ताकि वह भी इस स्कीम का लाभ उठा सकें और टैक्स बचा सके. 

दोस्तों 3 साल तक इस स्कीम में पैसे इन्वेस्ट करने के बाद आप जो भी रिटर्न कमाएंगे उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन माना जाएगा. अगर आपका यह कैपिटल गेन 1 लाख से ऊपर होगा तो इस पर आपको 10% का टैक्स देना होगा. 

ये खास बातें हैं ELSS Mutual Funds की  

दोस्तों अगर ELSS म्युचुअल फंड स्कीम के खासियतों के बारे में बात करें तो उसके प्रमुख विशेषताएं इस तरह से हैं

  • ELSS म्युचुअल फंड में जो भी पैसे इकट्ठे होते हैं उसमे 80% कैपिटल को म्युचुअल फंड कंपनी इक्विटी मार्केट में इन्वेस्ट करती है बाकी के पैसे अन्य जगहों में इन्वेस्ट किए जाते हैं.
  • इक्विटी मार्केट में जो पैसे इन्वेस्ट किए जाते हैं उसे भी अलग-अलग सेक्टर के स्टॉक में इन्वेस्ट किया जाता है
  • ELSS म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करने के अधिकतम समय सीमा नहीं है लेकिन इसमें आपको 3 साल तक पैसे नहीं निकाल सकते हैं. 
  • इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80c के अनुसार ईएलएसएस म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करने पर इन्वेस्टमेंट  अमाउंट पर कोई भी टैक्स नहीं लिया जाता है. 
  • इस म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करने पर जो भी रिटर्न मिलता है. उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन माना जाता है. इसलिए इस पर prevalent tax rules के आधार पर टैक्स लगेगा. 

ELSS Mutual Funds में पैसे इन्वेस्ट करने पर मिलते हैं ये टैक्स बेनिफिट?

दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया इनकम टैक्स एक्ट के क्षेत्र 80cc के अनुसारजो भी पैसे इन्वेस्ट किए जाते हैं उसे पर कोई टैक्स नहीं लगता है. लेकिन इस स्कीम में पैसे इन्वेस्ट करने पर आप 3 साल तक अपने पैसे नहीं निकाल पाएंगे. इसलिए इस इन्वेस्टमेंट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन मिलता है  इस तरह पैसे इन्वेस्ट करने पर जो कुछ भी रिटर्न नहीं मिलता है उसमें ₹100000 तक के रिटर्न में कोई भी टैक्स नहीं लगताअगर इससे ज्यादा रिटर्न मिलता है तो उसे पर 10% का टैक्स देना होता है. 

क्यों करना चाहिए आपको ELSS Tax Saving Mutual Funds में पैसे इन्वेस्ट ?

दोस्तों वैसे तो इस टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करने का हर किसी का अलग अलग रीजन हो सकते हैं लेकिन हम आपको कुछ ऐसे महत्वपूर्ण वजह बता रहे हैं जिसके चलते आपको जरूर  इस म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करना चाहिए- 

  • Diversification – दोस्तों अगर आप इस म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो आपके इन्वेस्टमेंट अमाउंट को अलग-अलग कंपनियों के स्टॉक में डायवर्सिफाई कर दिया जाता है. इससे आपका इन्वेस्टमेंट काफी सेफ हो जाता है  . 
  • Low minimum amount –  दोस्तों ELSS टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करने के लिए बहुत ज्यादा रुपयों की जरूरत नहीं होती है. आप मिनिमम ₹500 से भी इसमें पैसे इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं. तो अगर आपके पास पैसे इन्वेस्ट करने के लिए ज्यादा पैसे नहीं है तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. 
  • SIP –  वैसे दोस्तों दोस्तों इस म्युचुअल फंड में आप एक मुश्त में पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं लेकिन ज्यादातर इन्वेस्टर SIP करने का ही सलाह देते हैं क्योंकि SIP में हम कम पैसों से इन्वेस्टिंग शुरू कर सकते हैं और लंबे समय तक करते रहने से अच्छा अमाउंट इन्वेस्ट हो जाता है जिसका रिटर्न भी बहुत अच्छा देखने को मिलता है. 

दोस्तों इन सब फायदे की अतिरिक्त इस म्युचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कोई भी लिमिट नहीं है लेकिन टैक्स बेनिफिट लेने के लिए आपको सालाना ढेर सारा डेढ़ लाख से कम रुपए ही इन्वेस्ट करना होगा अगर आप इससे ज्यादा इनवेस्ट करेंगी तो आपको इस टैक्स देना होगा.  

लोग अक्सर इस तरह के प्रश्न पूछते हैं –

❓ ELSS क्या है और यह कैसे काम करता है?

फंड ELSS का फुल फॉर्म Equity Linked Savings Scheme होता है. यह एक तरह का इक्विटी म्युचुअल फंड होता है जो कि आयकर अधिनियम के धारा 80c के अनुसार 1.5 लाख रूपए तक का इन्वेस्टमेंट करने पर टैक्स छूट देता है. एल्सम्युचुअल फंड वाले अपने इन्वेस्टमेंट का ज्यादातर हिस्सा स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर देते हैं इसलिए अपने क्लाइंट को ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. तो ELSS फंड वाले लोगों को पैसा स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट होने के कारण इसमें जोखिम की संभावना भी होती है.

❓ ईएलएसएस फंड का क्या फायदा है?

अगर आपको ईएलएसएस फंड में पैसे इन्वेस्ट करने के फायदे की जानकारी नहीं है तो आगे हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं. ELSS फंड के निम्नलिखित फायदे हैं:

  • टैक्स छूट: दोस्तों अगर आप आई एल एल एस फंड में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो  आयकर अधिनियम की धारा 80C के अनुसार आपको 1.5 लाख रुपये तक के इन्वेस्टमेंट पर टैक्स छूट दिया जाएगा. 
  • लंबी अवधि में उच्च रिटर्न: ELSS फंड के पैसों को इक्विटी मार्केट में इन्वेस्ट किया जाता है इसलिए यह फंड लॉन्ग टर्म में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. 
  • विविधीकरण: दोस्तों इक्विटी फंड के पैसों को म्युचुअल फंड वाले अलग-अलग स्टॉक में पैसे इन्वेस्ट करते हैं जिससे जोखिम की संभावना कम हो जाती है. 
  • पेशेवर प्रबंधन: दोस्तों अगर आप ELSS फंड में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो यहां पर आपके पैसों को प्रोफेशनल फंड मैनेजर मैनेज करते हैं. अगर किसी स्टॉक का मार्केट रिटर्न गिरता है तो यह लोग आपके इन्वेस्टमेंट को दूसरे स्टॉक में शिफ्ट कर देते हैं जिससे आपका इन्वेस्टमेंट सेफ रहता है. 

❓ इक्विटी ईटीएफ क्या है?

दोस्तों इक्विटी ईटीएफ का फुल फॉर्म Equity Exchange Traded Fund होता है. दरअसल यह एक तरह का म्यूचुअल फंड होता है जो कि इक्विटी मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करता है. इक्विटी ईटीएफ शेयर मार्केट में लिस्टेड होते हैं इसलिए इन्हे स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा और बेचा जा सकता है. आपको बता दें की ईटीएफ आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंडों के मुकाबले कम लागत वाले होते हैं.

❓ इक्विटी फंड का क्या अर्थ है?

दोस्तों अगर आपको नहीं पता कि इक्विटी फंड का क्या अर्थ होता है तो आपके जानकारी के लिए बता दें कि यह एक ऐसा म्यूचुअल फंड होता है जो इक्विटी में पैसे निवेश करता है. इक्विटी के अंतर्गत शेयर, बॉन्ड और कई दूसरे तरह के इक्विटी-संबंधित सिक्योरिटीज आते हैं. यह सच है कि इक्विटी फंड दूसरे फंड से मुकाबले ज्यादा रिटर्न देते हैं लेकिन इनमें जोखिम की संभावना भी रहती है.

❓ इक्विटी म्यूचुअल फंड कितने होते हैं?

SEBI के मानदंडों के अनुसार इक्विटी म्युचुअल फंड कुल 12 तरह के होते हैं.

इक्विटी में निवेश करना कितना जोखिम भरा है?

इक्विटी में निवेश करना जोखिम भरा होता है क्योंकि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है. अगर शेयर की कीमतें ऊपर जाती हैं तो निवेशकों को लाभ होता है और वही जब शेयर प्राइस नीचे आता है तो इससे उनका नुकसान होता है. लेकिन अगर लॉन्ग टर्म तक इक्विटी में निवेश किया जाए तो इससे प्रॉफिट ही मिलता है.

❓ कौन सा निवेश सबसे ज्यादा रिटर्न देता है?

दोस्तों बात करे कौन सा निवेश सबसे ज्यादा रिटर्न देता है तो इसका कोई एक निश्चित जवाब नहीं है क्योंकि निवेश का रिटर्न उसके प्रकार और टाइम ड्यूरेशन पर निर्भर करेगा. अलग-अलग टाइम ड्यूरेशन के लिए इन्वेस्टमेंट का रिटर्न अलग-अलग होता है. हालांकि आमतौर पर इक्विटी निवेश यानी स्टॉक मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करना अन्य प्रकार के निवेशों की तुलना अधिक रिटर्न देता है लेकिन रिटर्न के साथ इसमें जोखिम भी होता है.

❓ क्या इक्विटी और शेयर में कोई अंतर है?

जी हां दोस्तों इक्विटी और शेयर में अंतर होता है. अगर आपको नहीं पता कि इक्विटी और शेयर में क्या अंतर होता है तो आपको बता दे कि इक्विटी एक प्रकार का इन्वेस्टमेंट होता है लेकिन शेयर इक्विटी का ही हिस्सा होता है. इक्विटी का सीधा मतलब कंपनी में स्वामित्व से होता है. शेयर की बात करें तो यह कंपनी के द्वारा जारी किए गए इक्विटी होती है. जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप कंपनी के इतने फ़ीसदी हिस्से का मालिक बन जाते हैं.

❓ 3 साल बाद ईएलएसएस का क्या होता है?

अगर आपने ईएलएसएस में पैसे इन्वेस्ट किया है तो 3 साल बाद ईएलएसएस से आपको आपके पूरे इन्वेस्टमेंट की राशि है उसके रिटर्न के साथ वापस लौटा दी जाएगी. दरअसल में निवेशकों को 3 साल तक पैसे इन्वेस्ट करके रखना होता है.

ELSS में निवेश कैसे करें?

ELSS में निवेश करने के लिए, आपको एक म्यूचुअल फंड हाउस से संपर्क करना होगा जो ELSS ऑफर करता है। आप एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म या एक बैंक के माध्यम से भी ELSS में निवेश कर सकते हैं।

अगर आप ELSS में पैसे इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको किसी ऐसे म्युचुअल फंड हाउस से संपर्क करना होगा जो आपको इसमें पैसे इन्वेस्ट करने की सुविधा प्रदान करता हो . आजकल बहुत सारे ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो म्युचुअल फंड के जरिए ELSS में पैसे इन्वेस्ट करने का ऑप्शन देते हैं. आप चाहे तो अपने बैंक के माध्यम से भी ELSS में पैसे निवेश कर सकते हैं

क्या एसआईपी पर टैक्स लगता है?

जी हां , दोस्तों अगर आप एसआईपी करेंगे और अपने इन्वेस्टमेंट को निकालना चाहेंगे तो इस पर आपको टैक्स लगेगा. दोस्तों टैक्स आपके द्वारा कमाए गए रिटर्न पर देना होता है.

❓ क्या सभी म्यूचुअल फंड टैक्स छूट हैं?

जी नहीं ,सभी म्युचुअल फंड टैक्स छूट नहीं हैं. लेकिन कुछ म्युचुअल फंड होते हैं जिनमें टैक्स नहीं लगता है.

❓ क्या हम 3 साल तक एसआईपी कर सकते हैं?

अवधि बिल्कुल आप 3 साल तक एसआईपी कर सकते हैं. हालांकि आपके एसआईपी की अवधि कम से कम 6 महीने तक जरूर होना चाहिए . अगर आप 3 साल के बाद एसआईपी को जारी रखना चाहते हैं तो इसमें भी कोई दिक्कत नहीं होगी. आप बेझिझक कर सकते हैं.

❓ क्या वन टाइम एसआईपी अच्छा है?

देखिए दोस्तों वन टाइम एसआईपी करना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है लेकिन हर निवेशक के लिए व्यक्तिगत तौर पर वन टाइम इन्वेस्टमेंट करना चाहिए नहीं करना चाहिए उसके सिचुएशन और गोल पर निर्भर करता है

  • यह आपको बाज़ार में कम कीमत पर खरीदने का मौका दे सकता है। अगर आप वन टाइम शिप करते हैं तो इससे आपको बाजार में कम कीमत पर खरीदारी करने का मौका मिलता है. 
  • यह आपको धीरे-धीरे निवेश करने की आवश्यकता से छुटकारा दिलाता है। वन टाइम शिप करना आपको बार-बार थोड़ा-थोड़ा इन्वेस्टमेंट करने से छुटकारा दिलाता है और इधर अपना दिमाग लगाए बिना अपना बाकी का काम देख सकते हैं.   

लेकिन दोस्तों वन टाइम एसआईपी करने के कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे कि –

  • वन टाइम एसआईपी करना आपको बाजार के उतार चढ़ाव के जोखिम में डाल सकता है. 
  • अगर आप वन टाइम एसआईपी करते हैं तो यह आपको नियमित तौर पर कुछ ना कुछ निवेश करने के लाभों से वंचित का कर सकता है जैसे कि आप कंपाउंडिंग का लाभ नहीं उठा पाएंगे. 

❓ कौन सा म्यूचुअल फंड टैक्स फ्री है?

दोस्तों हमारे भारत में निम्नलिखित म्युचुअल फंड टैक्स फ्री म्युचुअल फंड की लिस्ट में आते हैं –

  • इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)
  • म्यूचुअल फंड (इक्विटी) (Direct) – Growth
  • म्यूचुअल फंड (इक्विटी) (Direct) – Dividend
  • म्यूचुअल फंड (डेट) (Direct) – Growth
  • म्यूचुअल फंड (डेट) (Direct) – Dividend 

❓ क्या एसआईपी 100% सुरक्षित है?

दोस्तों एसआईपी करना 100% सुरक्षित नहीं है क्योंकि किसी भी इन्वेस्टमेंट के साथ नुकसान का हिस्सा भी जुड़ा होता है. हालांकि करने से एसआईपी निवेशकों को अपने रिस्क को कम करने में मदद मिलती है.

❓ क्या हम ELSS में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं?

जी हां आप ELSS में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं. अगर आप वित्तीय वर्ष के अंत में अपना टैक्स बचाने की सोच रहे हैं तो इसके लिए वित्तीय वर्ष के अंत में ELSS में पैसे निवेश करना एक अच्छा विकल्प है. बता दे की एक वित्तीय वर्ष में ELSS में एकमुश्त निवेश करने की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए प्रति वित्तीय वर्ष है.

❓ एसआईपी में निवेश का तरीका क्या है?

अगर आप एसआईपी में निवेश करना चाहते हो तो इसके लिए आपको किसी म्युचुअल फंड कंपनी या बैंक में खाता खोलना होगा. आप चाहे तो ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरीके से अपना में खाता खोल सकते हैं.

इसके बाद अब आपको अपना एसआईपी शुरू करना होगा. एसआईपी स्टार्ट करने के लिए आपको अपनी इन्वेस्टमेंट का अमाउंट इन्वेस्टमेंट की अवधि और इन्वेस्टमेंट करने का तरीका चुना होगा.

❓ मैं एसआईपी के माध्यम से ईएलएसएस में कैसे निवेश करूं?

ELSS में एसआईपी के माध्यम से निवेश करने के लिए, आपको एक ELSS स्कीम चुननी होगी। ELSS स्कीम की एक सूची आपको म्यूचुअल फंड कंपनी या बैंक की वेबसाइट पर मिल जाएगी।

❓ SIP में निवेश कैसे करें SBI?

देखिए अगर आप SIP के जरिए SBI में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा-

  1. सबसे पहले SBI Demat में खाता खोलें।
  2.  इसके लिए SBI की वेबसाइट में जाए या फिर SBI का ऐप डाउनलोड।
  3. वेबसाइट या ऐप में पहुंचने के बाद “SIP” टैब पर क्लिक करें।
  4. अब उस म्यूचुअल फंड स्कीम को चुने जिसमे आप इन्वेस्ट करना चाहिए।
  5. इन्वेस्टमेंट की राशि और SIP करने की संख्या डालें. 
  6.  इतना सब करने के बाद “SIP शुरू करें” के बटन पर क्लिक करें. 

❓ एसआईपी कितने साल का होता है?

दोस्तों एसआईपी करने का कोई साल नहीं होता है. जब तक चाहे तब तक कर सकते हैं लेकिन जितने ज्यादा टाइम तक एसआईपी करेंगे आपको उतना ही फायदा होगा.

❓ एसआईपी से क्या फायदा होता है?

एसआईपी करने से आपको कोई फायदे होंगे जैसे कि आप एसआईपी करते रहने से एक अच्छे इन्वेस्टर बन जाएंगे. आपको investing करने की आदत हो जाएगी. लंबे समय तक एसआईपी करते रहने से आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा

❓ एसआईपी से क्या लाभ है?

एसआईपी के निम्नलिखित लाभ हैं:

  • यह आपको बाजार की अस्थिरता को कम करने में मदद करता है।
  • यह आपको लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न प्राप्त करने में मदद करता है।
  • यह आपको नियमित रूप से निवेश करने में मदद करता है।
  • यह आपको एक निश्चित राशि निवेश करने की आवश्यकता से छुटकारा देता है।

❓ क्या 3 साल से पहले ELSS निकाला जा सकता है?

दोस्तों 3 साल पूरा होने से पहले ELSS में लगाए पैसे को आप नहीं निकाल सकते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं तो इस पर आपको 12% का टैक्स देना होगा.

❓ लिक्विड फंड कौन कौन से हैं?

दोस्तों रिक्रूटमेंट करते हैं जो कम समय के इन्वेस्टमेंट के लिए मैं डिजाइन किए गए होते हैं. इस तरह के फंड कमजोर वाले फंड की लिस्ट में आते हैं और इक्विटी के समान ही रिटर्न देते हैं. आगे हम आपको कुछ पॉपुलर लिक्विड फंड के नाम बता रहे हैं

  • SBI लिक्विड फंड
  • HDFC लिक्विड फंड
  • ICICI Prudential लिक्विड फंड

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